हिन्द न्यूज़, गांधीनगर
गांधीनगर में इंस्टीट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड रिसर्च-IAR विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में युवा विद्यार्थियों को कहा कि, डिग्रियां केवल करियर का साधन न बनें, बल्कि मानवता और समाज के उत्थान का माध्यम भी बनें। जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि अच्छे कर्म करना और दूसरों के दु:ख को कम करना है। विद्यार्थि अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज के कल्याण और विकास के लिए करें।
यह संस्थान अत्यंत सौभाग्यशाली है, क्योंकि इसकी आधारशिला गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और भारत के वर्तमान यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी जी ने रखी थी और इसका उद्घाटन भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी ने किया था। इन दोनों महान विभूतियों ने अपने जीवन को भारत के चहुंमुखी विकास और राष्ट्रीय उत्थान के लिए समर्पित किया।
आई.ए.आर. विश्वविद्यालय ने समय की मांग को ध्यान में रखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, फॉरेंसिक साइंस, साइबर सिक्योरिटी और सोशल साइंस जैसे नवीन पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। साथ ही, यह संस्थान स्टार्टअप्स, उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। सही दिशा में किया गया अनुसंधान और नवाचार न केवल जीवन को सरल बनाता है, बल्कि समाज को सुविधाजनक और सुखद बनाता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से प्रगति करना समय की जरूरत है, ताकि भारत वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सके और प्रतिस्पर्धा में पीछे न रहे। आज विज्ञान और तकनीक ने दुनिया को एक छोटे से परिवार में परिवर्तित कर दिया है।