जिलाधिकारी ने की आईसीडीएस की समीक्षा बैठक

हिन्द न्यूज़, बिहार

जिलाधिकारी यशपाल मीणा द्वारा अपने कार्यालय कक्ष में समेकित बाल विकास कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति, पोषण वाटिका, सैम और मैम बच्चों की स्थिति, वृद्धि निगरानी, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, टीकाकरण,आधार सत्यापन की समीक्षा बैठक की गई। जिसमें डीपीओ आईसीडीएस और सभी सीडीपीओ उपस्थित थे।

आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति के विषय में डीपीओ आईसीडीएस ने बताया कि जिला में कुल 3883 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। जिसमें 565 का अपना भवन है।इसके अतिरिक्त 302 केंद्रों को निकट के स्कूल,पंचायत भवन एवं सामुदायिक भवन टैग किया गया है।अभी 3016 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में चल रहे हैं। जिलाधिकारी के पूछने पर बताया गया कि 1292 केंद्र के लिए जमीन चिन्हित की गई है और इसमें से 323 का अनापत्ति प्रमाण पत्र अंचलाधिकारियों से प्राप्त हो गया है। इस पर जिलाधिकारी के द्वारा निर्देश दिया गया कि चिन्हित किए गए सभी जगह की खेसरा- खतियान के आधार पर भौतिक रूप से जांच स्वयं सीडीपीओ करें और संबंधित अंचलाधिकारी से मिलकर शीघ्र एनओसी प्राप्त करें।

अपना आंगनबाड़ी-अपना पोषण से संबंधित पोषण वाटिका के विषय में बताया गया कि अपने भवन में संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्र सहित जिला में 1309 पोषण वाटिका लगाया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि किराए के भवन में संचालित केंद्र के पास भी इसे लगाना सुनिश्चित किया जाए।समीक्षा में पाया गया कि वैशाली प्रखंड में मात्र 23 और बिदुपुर प्रखंड में 33 पोषण वाटिका है। इस मामले में जिलाधिकारी ने नाराजगी प्रकट की और इसे बढ़ाने का निर्देश दिया। वही भगवानपुर में 194 एवं सहदेई बुजुर्ग में 120 पोषण वाटिका लगाए जाने के बारे में बताया गया।

अतिकुपोषित एवं कुपोषित बच्चों( सैम-मैम) की संख्या के बारे में जिलाधिकारी ने जानकारी प्राप्त की। बताया गया कि जिला में 3.1% सैम और 4.2 0% मैम बच्चे हैं। सबसे अधिक सैम बच्चे राजापाकर में 1448 तथा सबसे अधिक मैम बच्चे पातेपुर प्रखंड में 1246 हैं।इस पर जिलाधिकारी ने कहा की इन बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाए और इन्हें अलग से विटामिन युक्त भोजन दिया जाए ताकि ये बच्चे भी सामान्य बच्चों की श्रेणी में आ जाएं जिलाधिकारी ने कहा कि इन बच्चों के ग्रोथ का नियमित रूप से अनुश्रवण किया जाए। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण ट्रैकर लगाए जाने के बारे में पूछने पर बताया गया कि सभी 3883 आंगनवाड़ी केंद्र पर इसे स्थापित करा दिया गया है इसके माध्यम से ही ट्रैकिंग की जा रही है। टीकाकरण के बारे में पूछने पर बताया गया कि कुल 3834 सत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया था । जिसके विरुद्ध 2800 सत्र का आयोजन किया गया है ।जो लक्ष्य का 73% रहा है।हालांकि इस मामले में वैशाली का दूसरा स्थान है। फिर भी जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की और इसमें 99% उपलब्धि हासिल करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के नियमित जांच एवं की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई‌। सभी सीडीपीओ को निर्देश दिया गया विभाग से जो गाइडलाइन प्राप्त है । उसके अनुरूप एवं निर्धारित संख्या में केंद्रों की जांच निश्चित रूप से करें। जिलाधिकारी के द्वारा मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की भी समीक्षा की गई इसमें निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने का निदेश दिया गया।

संवाददाता : रमेश प्रसाद सिंह, बिहार

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