जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई राजस्व की समीक्षा बैठक

हिन्द न्यूज, गया – बिहार

जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने समाहरणालय सभाकक्ष में राजस्व से संबंधित कार्यों की समीक्षा जिले के सभी अंचलाधिकारी, राजस्व पदाधिकारी तथा भूमि सुधार उप समाहर्ता के साथ की गई। इसके साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अंचलों में राजस्व कर्मचारी तथा अन्य कर्मी भी मौजूद थे।

बैठक में मुख्य रूप से कृषि गणना 2021-22 के अंतर्गत जिले के वैसे सभी मौजा जिसमें 500 से कम रैयत कि है, सर्वेक्षण कार्य पूरा किए जाने के संबंध में चर्चा की गई। इसके उपरांत दाखिल खारिज के निष्पादन, परिमार्जन, वास भूमि विहीन परिवारों को भूमि बंदोबस्ती, वासगीत पर्चा एवं क्रय नीति के तहत अद्यतन स्थिति की समीक्षा, भूमि विवाद से संबंधित शनिवार में बैठक की समीक्षा, जमाबंदी पंजी के प्रगति की समीक्षा, अतिक्रमण वाद के द्वारा अतिक्रमण हटाने में प्रगति की समीक्षा तथा जनता दरबार में आने वाले जमीन से संबंधित मामलों में निष्पादन के स्थिति की समीक्षा की गई।

ऑनलाइन म्यूटेशन के समीक्षा के दौरान पाया गया कि परैया अंचल, खिजरसराय, बोधगया, टिकारी एवं बथानी अंचल का कार्य काफी धीमी है। उन्होंने बताया कि 60 दिनों से अधिक अंचलाधिकारी के लॉगिन में म्यूटेशन के आवेदन लंबित रखने वाले जिनमें टिकारी में 2954, परैया 491, खिजरसराय 582, बोधगया 329 एवं कोच 924 आवेदनों को पेंडिंग रखे हैं।

जिलाधिकारी ने इस पर काफी अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी अंचलाधिकारियों को इन मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता से निष्पादित करने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि फरवरी माह के अंत तक हर हाल में लंबित आवेदनों को निबटारा करे।

उन्होंने निर्देश दिया कि प्रायः यह देखा जा रहा है कि अंचलाधिकारी या राजस्व कर्मचारी के स्तर पर म्यूटेशन से संबंधित आने वाले आवेदनों को रिजेक्ट करने के दौरान, आवेदन रिजेक्ट करने का कारण नहीं दर्शाया जाता है, जिसके कारण आम जनता को काफी समस्या होती है। उन्होंने निर्देश दिया कि म्यूटेशन के आवेदन के आलोक में नोटिस देते हुए 7 दिनों में सुनवाई करें तथा कौन-कौन से कागजात की आवश्यकता है, उसे पूरी स्पष्टता से लिखते हुए मांग करें ताकि आवेदक पूरी विवरण के साथ नोटिस की तिथि में उपस्थित होकर अपनी भूमि संबंधित सभी कागजात दिखा सके।

सभी भूमि सुधार उप20 समाहर्ता को अंचल के कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा तथा म्यूटेशन के मामलों, विशेष रुप से अस्वीकृत किए गए मामलों के अभिलेख की रैंडम जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। जिला स्तर से भी अंचल कार्यालयों की नियमित रूप से जांच कराई जाएगी।

म्यूटेशन में संतोषजनक प्रगति नहीं रहने पर उन्होंने कम प्रगति वाले अंचल के राजस्व कर्मचारियों से मौजा वार लंबित स्थिति की समीक्षा की तथा भूमि सुधार उप समाहर्ता को निर्देश दिया कि टिकारी, परैया, खिजरसराय, बोधगया, बथानी तथा कम प्रगति वाले अन्य अंचलों का निरीक्षण 7 दिनों के अंदर करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी राजस्व कर्मचारी को निर्देश देते हुए कहा कि अपने कार्यों को कराने के लिए किसी भी हाल में मुंसी ( प्राइवेट आदमी) का प्रयोग ना करें। यदि कहीं से मुंसी रखने की सूचना पाई जाती है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

परिमार्जन से संबंधित लगभग 80 प्रतिशत मामले अद्यतन निष्पादित किये गए हैं। निर्धारित समय सीमा के अंदर सभी लंबित मामलों का निष्पादन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया। गुरारू, बेलागंज, टिकारी, आमस, बोधगया कोच, डुमरिया, टनकुप्पा एवं परैया द्वारा 90% से से अधिक मामलों को निष्पादन किया है। परिमार्जन के आवेदन के साथ वांछित आवश्यक दस्तावेजों में से जो भी दस्तावेज संलग्न नहीं किये गए हों, उन दस्तावेजों को जमा करने के लिए आवेदक को नोटिस करने का निदेश सभी अंचलाधिकारियों को दिया गया। कोई आवश्यक दस्तावेज संलग्न नहीं किये जाने के कारण प्रथम बार ही आवेदन को अस्वीकृत नहीं किया जाय, आवेदक को नोटिस कर निर्धारित समय के अंतर्गत दस्तावेज जमा करने को कहा जाय। नोटिस के बाद भी अगर वांछित दस्तावेज आवेदक द्वारा जमा नहीं किया जाता है तो उसके आवेदन को अस्वीकृत किया जाना चाहिये।

वासभूमि विहीन परिवारों को भूमि बंदोबस्ती पर्चा वितरण करने के समीक्षा के दौरान जिले में 1 अप्रैल 2021 से 16 सितंबर 2022 तक कुल 2598 लाभुकों को सर्वेक्षण किया गया। पर्चा देने हेतु तैयार अभिलेखों में कुल 2304 लाभुक हैं। पर्चा देने हेतु स्वीकृत अभिलेखों में 1254 लाभुक हैं तथा पर्चा देने हेतु लंबित अभिलेखों में कुल 1050 लाभुक है।
अभियान बसेरा के तहत चिन्हित लोगों के लिए वास भूमि उपलब्ध कराने हेतु लंबित मामलों में एक सप्ताह के अंतर्गत कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता को इसका अनुश्रवण सुनिश्चित करने को कहा गया।

विभिन्न विभागों से संबंधित भवन संरचनाओं- कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालय, पंचायत सरकार भवन आदि के निर्माण हेतु प्राथमिकता से जमीन चिन्हित कर अभिलेख के साथ प्रस्ताव भेजने का निर्देश सभी अंचल अधिकारियों को दिया गया।

अंत में जिला पदाधिकारी ने सभी अंचल अधिकारी को कहा कि अपने अपने क्षेत्र में सरकारी भूमि यदि कहीं अतिक्रमण होता है तो उसे पूरी तत्परता से अतिक्रमण मुक्त करावे साथ ही साथ जल जीवन हरियाली अभियान के तहत पाइन पोखर आहर इत्यादि को कोई व्यक्ति द्वारा उसे अतिक्रमण करता है तो उसे सर्वोच्च प्राथमिकता से अतिक्रमण हटाने तथा दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें।

उन्होंने कहा कि जनता दरबार में अधिकांश मामले भूमि संबंधित आते हैं संबंधित आवेदनों को अंचल अधिकारी को जांच/ निष्पादन हेतु भेजे जाते हैं। उन्होंने कहा कि जनता दरबार में आने वाले आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन करें।

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