वैशाली जिले में भूमि विवादों का समाधान पहली प्राथमिकता – जिलाधिकारी यशपाल सिंह मीणा 

हिन्द न्यूज, बिहार

       वैशाली जिले के समाहरणालय के सभागार में भूमि विवादों के हल को लेकर जिला में चलाये जा रहे अभियान के तहत जिलाधिकारी यशपाल सिंह मीणा ने जिला के सभी भूमि सुधार उप समाहर्त्ता एवं अंचलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर सभी जरूरी निर्देश दिया गया। इस बैठक में पुलिस अधीक्षक रविरंजन कुमार एवं अपर समाहर्त्ता विनोद कुमार सिंह भी उपस्थित थे।

जिलाधिकारी यशपाल सिंह मीणा ने कहा कि सभी थानों पर 14 जून को चौकीदारों की बैठक एवं 15 जून को सभी अंचलों में सरपंचों की बैठक करायी गयी और जिलाभर के भूमि विवादों की जानकारी प्राप्त की गयी।

 प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 700 मामले प्रतिवेदित पाये गये हैं जिसमें चौकिदारों के द्वारा हाजीपुर अनुमंडल में 176, महुआ अनुमंडल 250 तथा महनार अनुमंडल में 62 मामलों में संबंधित पक्षों की जानकारी दी गयी है।

उन्होंने आगे कहा कि तीनों डीसीएलआर को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत भूमि विवाद के प्राप्त मामलों की भौतिक रूप से जाँच कर उसे अति संवेदनशील, संवेदनशील एवं सामान्य श्रेणी में बाँटते हुए उसका प्रभावी हल निकालना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

उन्होंने आगे कहा कि चौकीदारों एवं सरपंच के साथ हुयी बैठक के बाद भूमि विवाद के जो मामले सामने आये हैं ।डीसीएलआर उसे देख लें कि थानों पर संधारित पंजी में ये शामिल है कि नहीं। उन्होंने कहा कि कितने मामलों में 144 लगायी है. कितने मामले मापी से संबंधित हैं तथा कितने मामले कोर्ट में चल रहे हैं इसकी समीक्षा कर लें। उन्होंने आगे कहा कि सभी मामलों की अलग-अलग संचिका तैयार करायें एवं उस पर कृत कर्रवाई अंकित करें। उन्होंने कहा कि 144 के पुराने मामलों को भी देख लें और यह भी देखें कि थाना अनावश्यक रूप से 144 का प्रस्ताव नहीं दे । उन्होंने कहा कि 144 के प्रस्ताव के साथ जमीन का स्पष्ट फोटो लगाना जरूरी होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मापी के आवेदनों को खोजवायें और देखें कि आवेदन कब पड़ा और उस पर क्या कार्रवाई हुयी। उन्होंने कहा कि पूर्व में भूमि विवाद के मामले में हुए प्राथमिकी की समीक्षा करें और उससे संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध करा दें। उन्होंने आगे कहा कि सरकारी जमीन पर भी दो पक्षों के बीच झंझट रहता है। उसे भी चिन्हित कर लें और अंचलवार उसी सूची बना लें। कभी-कभी दूसरे की जमीन दूसरा व्यक्ति बेच देता है। इसे भी देखें और इस पर पड़े आवेदन की बारीकी से जाँच करें तथा आपत्ति के मामलों को रजिस्ट्री कार्यालय को बता दें,इसी प्रकार से अगर आपत्ति रजिस्ट्री कार्यालय को प्राप्त है तो रजिस्ट्री कार्यालय सभी सम्बंधित पदाधिकारी को अवगग कराए। उन्होंने आगे कहा कि निजी जमीन पर अवैध दखल के मामले भी भूमि विवाद का रूप ले लेता है इसकी संयुक्त रूप से अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तथा डीसीएलआर जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएंगे।सभी थानों में शनिवारीय बैठक को दुरूस्त करें तथा थानों पर संधारित पंजी को भू-समाधान पोर्टल के अनुरूप तैयार करवा लें। उन्होंने आगे कहा कि पंचायतवार रोस्टर बनाकर एक दिन के अंतराल पर भू-समाधान कैम्प लगाने का निर्देश सभी अंचलाधिकारियों को दिया गया। सभी डीसीएलआर और अंचलाधिकारियों को भूमि विवादों का समाधान निकालने के लिए एक माह का समय दिया गया।

संवाददाता : रमेश प्रसाद सिंह, बिहार

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