बेटी को बेटा को समान नहीं समझेंगे, तब तक समाज में साकारात्मक बदलाव नहीं आयेगा – जिलाधिकारी यशपाल सिंह मीणा

हिन्द न्यूज़, बिहार 

     वैशाली जिला पदाधिकारी यशपाल सिंह मीणा ने कहा कि जब तक हम बेटी को बेटे के समान नहीं समझने लगेंगे । तब तक समाज में सकारात्मक बदलाव नहीं आएगा। उन्होंने आगे कहा कि हम अपनी सोच में बदलाव लाकर परिवर्तन के वाहक बन सकते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स – 2024 में भारत को दुनिया के 146 में 129 वें स्थान पर रखा गया है। यानी हम जेंडर असमानता सूचकांक में बॉटम से 18 स्थान पर है। उन्होंने आगे कहा कि हम लोग एक सम्मिलित प्रयास से इस स्थिति को बदल सकते हैं।

उन्होंने आगे कार्यक्रम में उपस्थित बच्चियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने माता-पिता को भी इस विषय में जानकारी दें। उन्हें आज के अनुभव को सुनाएं।इसके साथ ही बाल विवाह पर अपने दृष्टिकोण से संबंधित एक आलेख तैयार कर अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को सुपुर्द करें।

उन्होंने आगे बच्चों से कहा कि अपने दिन प्रतिदिन के जीवन में स्मार्टफोन से यथासंभव दूर रहें और अपने माता-पिता का जरूर मान सम्मान करें। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आज पूरे देश में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई। इसके तहत वैशाली जिला में मुख्य कार्यक्रम जिला समाहरणालय सभा कक्ष में हुआ। जिला पदाधिकारी द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को शपथ दिलाई गई।

बताया गया कि बाल विवाह एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है,जो सीधे तौर पर लड़कियों और लड़कों के जीवन, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को खतरे में डालकर उनके भविष्य की संभावनाओं को सीमित करता है। 

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक सरोकार का मुद्दा है और इस पर रोकथाम को लेकर गांव-गांव में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। माता-पिता का काउंसलिंग कर और शिक्षा का प्रचार प्रसार कर हम इस पर कारगर रोक लगा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 पूरे देश में लागू है। इसके तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों की शादी निषेध है। इसका उल्लंघन करने पर 2 साल की जेल या एक लाख का जुर्माना अथवा दोनों सजा देने का प्रावधान है।

इस अवसर पर समाहरणालय सभाकक्ष तथा विभिन्न प्रखंडों-पंचायतों में रंगोली कार्यक्रम सहित कई जन जागरूकता के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इस अवसर पर विद्यालय की बालिकाओं के बीच माहवारी स्वच्छता प्रबंधन किट का भी वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन महिला एवं बाल विकास निगम की डीपीएम ज़ुलेखा हसमत ने किया।

इस अवसर पर अपर समाहर्ता बिनोद कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त शम्स जावेद अंसारी, डीपीआरओ नीरज, डीपीओ (आईसीडीएस) श्रीमती प्रतिभा गिरी, वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक श्रीमती प्रियंका कुमारी और काउंसलर कार्तिक कुमार के साथ कई पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।

संवाददाता : रमेश प्रसाद सिंह, बिहार

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